संघर्ष से सफलता तक: एक प्रेरणादायक सफर



Image by Freepikभूमिका

सार्वजनिक रूप से बोलने का मेरा पहला अनुभव मेरे स्कूल के दिनों में हुआ था, जब यह अनिवार्य था। ठंडे पहाड़ों में स्थित बोर्डिंग स्कूल में, मेरे अंग्रेजी शिक्षक ने जब मेरा नाम पुकारा, तो मैं घबराहट से पसीने-पसीने हो गया। मंच पर जाते समय मेरे मन में सिर्फ एक ही सवाल था - "मुझे यह क्यों करना पड़ रहा है?" लेकिन आज मेरे लिए गर्व की बात है।

कम आत्मविश्वास और संघर्ष का दौर

बचपन में मेरा वजन अधिक था, जिससे मेरा आत्मविश्वास बहुत कम था। न पढ़ाई में अव्वल, न खेल में, यह भावना मुझे लगातार कमजोर करती रही। हर बार जब मैं गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल लौटता, मुझे बड़ी साइज की यूनिफॉर्म मांगनी पड़ती। यह मेरे लिए सामान्य हो गया था, लेकिन मैंने इसे बदलने का फैसला किया।

परिवर्तन की राह

18 साल की उम्र में, मैंने अपनी जीवनशैली को बदलने का निर्णय लिया। यह आसान नहीं था – दोस्तों के साथ चिप्स और चॉकलेट छोड़कर स्वस्थ भोजन खाना, सुबह जल्दी उठकर वर्कआउट करना और रात में पर्याप्त नींद लेना। दो वर्षों में, दोनों घुटनों के लिगामेंट टूटने के बावजूद, मैंने 25 किलो वजन कम किया। यह सफर कठिन था, लेकिन इसने मुझे अनुशासन, निरंतरता और दृढ़ता का महत्व सिखाया।

करियर में चुनौतियाँ

मैंने सोचा था कि अब सब ठीक हो जाएगा, लेकिन मेरे करियर में एक बड़ा झटका लगा। मेरी पहली नौकरी के 11 महीने बाद ही मुझे निकाल दिया गया। उस समय मैंने सोचा कि मेरा करियर खत्म हो गया है। मुझे लगा कि मैं पढ़ाई में अच्छा नहीं था, खेल में भी औसत था और अब नौकरी में भी असफल हो गया। लेकिन मैं इस कठिन समय में रुका नहीं।

नई दिशा की खोज

महामारी के दौरान, मैंने अपने जीवन के तीन प्रमुख पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया:

  1. जीवन का उद्देश्य खोजना – मैं यह मानने के लिए तैयार नहीं था कि हम बिना किसी उद्देश्य के इस दुनिया में आए हैं। मुझे अपनी दिशा खुद बनानी थी।

  2. आर्थिक स्वतंत्रता – मैंने अपने जीवन स्तर को बेहतर बनाने और आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य रखा।

  3. मानसिक शांति – सोशल मीडिया पर दूसरों की चकाचौंध भरी ज़िंदगी देखकर अपने बारे में बुरा महसूस करना मैंने छोड़ दिया। इसके लिए मैंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट को ही डिलीट कर दिया।

एक नई शुरुआत और सफलता

मैंने अपने लेखन के प्रति रुचि को पहचाना और फ्रीलांस लेखन शुरू किया। मैंने खुद को चुनौती दी – अगर मैं अपनी कॉर्पोरेट नौकरी की तीन गुना कमाई फ्रीलांसिंग से कर लूं, तो मैं नौकरी छोड़ दूंगा। यह चुनौती कठिन लगी, लेकिन मैंने इसे पूरा कर दिखाया। मैंने लेखन को एक पेशे के रूप में अपनाया और "Summit 21" नामक कोर्स शुरू किया, जिसे दुनिया भर के लोगों ने सराहा। आज, मेरे पास 130+ देशों में 17,000 ग्राहक हैं और मैंने 12 बैच सफलतापूर्वक पूरे किए।

सीख और सुझाव

इस पूरे सफर ने मुझे दो महत्वपूर्ण बातें सिखाई:

  1. शुरुआत करें – हम सभी के पास एक बेहतरीन विचार होता है, लेकिन जब तक हम उसे लागू नहीं करते, वह केवल एक विचार ही रहता है। शुरुआत करने से आधी लड़ाई जीत ली जाती है।

  2. निरंतरता बनाए रखें – किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए नियमितता आवश्यक है। चाहे परिणाम तुरंत न भी मिले, लेकिन लगातार प्रयास ही सफलता की कुंजी है।

निष्कर्ष

जीवन में सफलता का कोई निश्चित रास्ता नहीं होता। मेरा सफर भी सीधा-सपाट नहीं था, लेकिन मैंने हर कठिनाई से कुछ सीखा और आगे बढ़ा। यदि आप भी अपने जीवन में बदलाव लाना चाहते हैं, तो पहला कदम उठाएं और उसे निरंतर बनाए रखें। आज ही अपने सपनों की दिशा में एक कदम बढ़ाएँ और धीरे-धीरे सफलता की ओर बढ़ते जाएँ।

आपका समय सीमित है, इसलिए इसे अपने पसंदीदा कार्यों में लगाएँ और खुश रहें। 

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