डिज़ाइन एजुकेशन का बदलता चेहरा – भारत में डिज़ाइन पढ़ाई का नया दौर
आज से कुछ साल पहले तक “डिज़ाइन” का मतलब सिर्फ फैशन या इंटीरियर डिज़ाइन तक सीमित था। लेकिन आज डिज़ाइन एजुकेशन ने नई दिशा और पहचान हासिल कर ली है — चाहे वह UI/UX, प्रोडक्ट डिज़ाइन, गेम डिज़ाइन या सर्विस डिज़ाइन हो। भारत में डिज़ाइन की पढ़ाई अब केवल “क्रिएटिव स्किल” नहीं बल्कि “करियर की मुख्य धारा” बन चुकी है।
1. डिज़ाइन एजुकेशन का विकास (Evolution of Design Education)
पहले डिज़ाइन सिर्फ कुछ चुनिंदा संस्थानों तक सीमित था — जैसे NID, NIFT, IIT IDC आदि।
अब देशभर में सैकड़ों डिज़ाइन कॉलेज, प्राइवेट यूनिवर्सिटी और ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म डिज़ाइन की शिक्षा को सबके लिए सुलभ बना रहे हैं।
"डिज़ाइन अब “टैलेंट-बेस्ड” नहीं बल्कि “थिंकिंग-बेस्ड” फील्ड बन चुका है।"
2. डिजिटल डिज़ाइन का उभार (Rise of Digital Design)
डिज़ाइन इंडस्ट्री का सबसे तेज़ी से बढ़ता क्षेत्र है — UI/UX और डिजिटल प्रोडक्ट डिज़ाइन।
आज हर ऐप, वेबसाइट, या डिजिटल प्रोडक्ट को एक स्मूद और ह्यूमन-सेंटर्ड एक्सपीरियंस की ज़रूरत है।
इसी वजह से डिज़ाइन एजुकेशन में अब यह नए विषय शामिल हैं:
- User Experience Design (UX)
- Interaction Design (IxD)
- Design Thinking & Research
- Prototyping & Usability Testing
- AI-based Design Tools
3. डिज़ाइन थिंकिंग – हर क्षेत्र की ज़रूरत
आज डिज़ाइन सिर्फ “कैसा दिखता है” नहीं बल्कि “कैसे काम करता है” इस सोच पर आधारित है।
डिज़ाइन थिंकिंग ने बिज़नेस, टेक्नोलॉजी, और एजुकेशन में भी अपनी अहम जगह बना ली है।
इसलिए अब इंजीनियरिंग, MBA और आर्ट्स जैसे क्षेत्रों में भी डिज़ाइन थिंकिंग सिखाई जा रही है।
"डिज़ाइन अब सिर्फ एक स्किल नहीं, एक माइंडसेट है।”
4. ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म्स की भूमिका
Coursera, Udemy, Skillshare, Domestika, Unacademy, और DesignBoat Academy जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स ने डिज़ाइन एजुकेशन को लोकतांत्रिक बना दिया है।
अब कोई भी व्यक्ति रिमोटली, सस्ते में, और अपने समय पर डिज़ाइन सीख सकता है।
"डिज़ाइन सीखने के लिए अब ज़रूरी नहीं कि आप किसी बड़े शहर में रहें।"
5. इंडस्ट्री और एजुकेशन का कनेक्शन
आज कई कंपनियाँ जैसे Google, Microsoft, Adobe, Figma, Zomato, Swiggy आदि डिज़ाइन एजुकेशन में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं।
वे वर्कशॉप्स, केस स्टडीज, इंटर्नशिप और डिज़ाइन चैलेंज के ज़रिए छात्रों को इंडस्ट्री-रेडी बना रही हैं।
6. भारत का डिज़ाइन टैलेंट – ग्लोबल डिमांड में
भारतीय डिज़ाइनर्स अब केवल भारत तक सीमित नहीं रहे।
UI/UX, गेम डिज़ाइन, मोशन ग्राफिक्स और ब्रांड डिज़ाइन में भारतीय प्रोफेशनल्स अमेरिका, यूरोप और एशिया तक काम कर रहे हैं।
ग्लोबल कंपनियाँ अब भारत को डिज़ाइन टैलेंट हब मानने लगी हैं।
7. भविष्य की दिशा (Future of Design Education)
आने वाले 5–10 वर्षों में डिज़ाइन एजुकेशन में ये बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे:
- AI + Design Integration
- Sustainable Design Thinking
- Cross-disciplinary Learning
- Remote Collaboration Tools
- Global Design Internships
निष्कर्ष:
भारत में डिज़ाइन एजुकेशन अब केवल क्रिएटिविटी का माध्यम नहीं — यह नवाचार (Innovation) और प्रॉब्लम-सॉल्विंग का नया केंद्र बन चुका है।
जो युवा आज डिज़ाइन पढ़ रहे हैं, वे कल के क्रिएटिव लीडर, स्ट्रैटेजिस्ट और इनोवेटर बनने वाले हैं।

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