कावेरी इंजन: आत्मनिर्भर भारत की उड़ान को मिला नया जोश | #FundKaveriEngine
सोशल मीडिया से उठा विज्ञान का तूफान
कावेरी इंजन क्या है?
कावेरी इंजन, भारत की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका उद्देश्य स्वदेशी फाइटर जेट इंजन विकसित करना है। यह इंजन खासतौर पर HAL Tejas जैसे लड़ाकू विमानों के लिए डिजाइन किया गया था। परियोजना को GTRE (Gas Turbine Research Establishment), DRDO द्वारा 1986 में शुरू किया गया था
भारत में जब भी स्वदेशी रक्षा उत्पादन की बात होती है, तो 'कावेरी इंजन' का जिक्र अवश्य होता है — और अक्सर निराशा के साथ। कावेरी GTRE35vs इंजन, जिसे विशेष रूप से भारत के हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस और भविष्य के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के लिए तैयार किया जा रहा है, एक बार फिर संदेह के घेरे में है।
ऐसी खबरें सामने आई हैं कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) कावेरी इंजन परियोजना को बंद करने की दिशा में सोच रहा है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह DRDO की परियोजना प्रबंधन में भ्रम की स्थिति को दर्शाता है।
किसी भी लड़ाकू विमान की आत्मा उसका इंजन होता है, और यदि भारत को आत्मनिर्भर रक्षा प्रणाली बनानी है, तो स्वदेशी इंजन का विकास अत्यंत आवश्यक है। यदि कावेरी परियोजना फिर से ठप होती है, तो यह दूसरी बार होगा जब इस परियोजना को अधर में छोड़ दिया गया हो। 2014 में भी इसे बंद कर दिया गया था, लेकिन बाद में इसे फिर से शुरू किया गया।
तकनीकी विशेषताएं
- इंजन प्रकार (Engine Type) - Low bypass, Afterburning Turbofan Engine
- ड्राई थ्रस्ट (Dry Thrust) - लगभग 52 kN (किलो न्यूटन)
- अफ्टरबर्नर थ्रस्ट (With Afterburner) - लगभग 81 kN
- थ्रस्ट-टू-वेट रेशियो (Thrust-to-Weight Ratio) - ~7.8–9.0 (विकास स्तर पर निर्भर)
- इंजन का वज़न (Dry Weight) - लगभग 1100–1200 किलोग्राम
- लंबाई (Length) - लगभग 3.5 मीटर
- व्यास (Diameter) - लगभग 0.9 मीटर
- फ्यूल कंजम्प्शन (Fuel Consumption) - उच्च थ्रस्ट पर ज्यादा, विशिष्ट आंकड़े वर्गीकृत
- ताप सहनशीलता (Heat Tolerance) - 1400°C से अधिक तापमान पर संचालन योग्य
- टर्बाइन स्टेज - 3 स्टेज हाई प्रेशर टर्बाइन (HPT) + 2 स्टेज लो प्रेशर टर्बाइन (LPT)
- कमप्रेसर स्टेज - 6 स्टेज हाई प्रेशर कमप्रेसर (HPC) + 3 स्टेज लो प्रेशर कमप्रेसर (LPC)
- प्रणाली (Control System) - FADEC (Full Authority Digital Engine Control) आधारित
अन्य तकनीकी पहलू:
- ध्वनि से तेज़ गति (Supersonic Compatibility)
- उच्च ऊंचाई पर प्रदर्शन (High Altitude Performance)
- स्मार्ट मटेरियल्स और मिश्र धातुओं (Advanced alloys) जो 1500°C तक के तापमान को सह सकते हैं
- सतत उन्नयन की गुंजाइश (Future upgrade potential like Kaveri Dry variant for UCAVs)
- स्वदेशी तकनीक – कोई विदेशी निर्भरता नहीं
- रक्षा आत्मनिर्भरता को मज़बूत करता है
विकास की कहानी: 1986 से अब तक
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तकनीकी और राजनीतिक चुनौतियाँ
दुनिया में कौन-कौन बना पाया फाइटर जेट इंजन?अब तक केवल 4 देश इस तकनीक में पूर्णत: सफल हुए हैं:
भारत की अब तक की रणनीति
👉लेकिन इनमें से किसी ने भी पूर्ण तकनीक ट्रांसफर नहीं की। #FundKaveriEngine क्यों ट्रेंड हुआ?लोगों ने कावेरी इंजन के लिए:
यह देश की सैन्य आत्मनिर्भरता और तकनीकी सम्मान की बात बन चुकी है। तकनीकी समाधान और सुझाव
GE और HAL का हालिया समझौता (2023)
अब आगे क्या?
निष्कर्ष: क्या कावेरी फिर से उड़ान भरेगा?कावेरी इंजन केवल एक तकनीकी प्रोजेक्ट नहीं है — यह भारत के आत्मसम्मान, सुरक्षा और वैज्ञानिक आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। |

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